Thursday, June 9, 2011

राज्य के सर्वश्रेष्ठ एथलिट का ऐसा हाल क्यों ?

रहने व खाने तक को मोहताज नेशनल एथलिट कोरंगा

अबतक हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में छह गोल्ड जीते

नेशनल यूथ एथलेटिक्स चौंपियनशिप में जीता गोल्ड

                        (रुद्रपुर से जहांगीर राजू)

होने को राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाडिय़ों की बेहतरी के लिए हर क्षेत्र में तमाम वादे किए जाते हैं लेकिन राज्य के सर्वश्रेष्ठ एथलिट हरीश कोरंगा के पास रहने व खाते तक की कोई व्यवस्था नहीं है। वह अब तक राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 6 स्वर्ण पदक प्राप्त कर चुका है। सरकार की ओर से कोई  सुविधा नहीं मिल पाने के कारण उसे अपनी प्रतिभा को आगे बढ़ाने में तमाम परेशानियां हो रही हैं।
मूलरुप से बागेश्वर जिले के भनार गंाव निवासी हरीश कोरंगा जनता इंटर कालेज रुद्रपुर में हाईस्कूल का छात्र है। वह ऊधमसिंह नगर स्पोर्ट्स स्डेडियम में प्रतिदिन 30 किलोमीटर तक की रनिंग करता है। कड़ी मेहनत के बदौलत वह पुणे में हुई राष्ट्रीय स्तर की स्कूल स्तरीय प्रतियोगिता में 1500 व 3000 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक प्राप्त कर चुका है। आन्ध्र प्रदेश में हुई राष्ट्रीय स्तर की ग्रामीण खेल प्रतियोगिता में भी हरीश ने 800, 1500 व 3000 मीटर दौड़ में स्वर्ण प्राप्त किया। दिल्ली में हुई नेशनल जूनियर क्रास कंट्री में हरीश ने रजत पदक प्राप्त किया। 27 से 29 मई तक रांची में हुई नेशनल यूथ चौंपियनशिप में हरीश ने 1500 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। अबतक राष्ट्रीय प्रतियोगिता में छह स्वर्ण प्राप्त कर चुका हरीश राज्य का सर्वश्रेष्ठ एथलिट है। बावजूद उसे अपनी खेल प्रतिभा को आगे बढ़ाने में सरकार से कोई भी मदद नहीं मिल पा रही है।
गांव में रह रहे पिता बलवंत सिंह कोरंगा के विकलांग होने व तीन बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी होने के कारण वह हरीश को मदद नहीं कर पाते हैं। स्थिति यह है कि उसे खाने व रहने तक के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। ऊधमसिंह नगर के जिला क्रिड़ा अधिकारी सुरेश चन्द्र पांडे ही वर्तमान में उसे व्यक्तिगत रुप से उसे खेल की सुविधा मुहैया करा रहे हैं। हाल में रांची में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में राज्य के लिए स्वर्ण पदक जीतकर लाए हरीश कोरंगा की तमन्ना है कि वह एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक प्राप्त कर देश व क्षेत्र का नाम रोशन करे।
लेकिन सुविधाओं के अभाव में उसे अपनी प्रतिभाग को आगे बढ़ाने मंे काफी दिक्कतें आ रही हैं। उसे उम्मीद है कि सरकार से उसे कोई न कोई मदद जरुर मुहैया करायी जाएगी। जिसकी मदद से वह अपनी खेल प्रतिभा को आगे बढ़ाते हुए देश के लिए स्वर्ण पदक लेकर आएगा।

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