Saturday, May 14, 2011

सरकारी उपेक्षा की मार झेलता कार्बेट फॉल

विदेशी सैलानियों को खूब भा रहा कार्बेट फॉल

स्वदेशी सैलानियों की संख्या घटी 

कालाढूंगी के नया गांव में स्थित है खूबसूरत फॉल

चंदन बंगारी रामनगर
घने जंगलों के बीच स्थित कार्बेट फाल विदेशी सैलानियों की पहली पंसद बनता जा रहा है। प्राकृतिक सौन्दर्य व दिलकश नजारों को समेटे फॉल को निहारने आने वाले विदेशी सैलानियों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। लेकिन सुखद आंकड़ों के बीच चिंता की बात यह है कि फॉल में सुविधाओं के अभाव में इस वित्तीय वर्ष में कुल सैलानियों की आमद में कमी होने से राजस्व भी घटा है। पर्यटन मानचित्र में जगह पाने वाले फॉल की उपेक्षा का हाल तब है, जब इससे सरकार को प्रतिवर्ष लाखों रूपये का मुनाफा हो रहा है। कालाढंूगी के नया गांव में स्थित कार्बेट फॉल चारों ओर से घने जंगलों से घिरा हुआ है। वर्ष 1998-99 में ग्राम विकास अभिकरण द्वारा 13.69 लाख रूपये की लागत से संवाकर प्राकृतिक झरने का सैलानियों के लिए खोला गया था। प्राकृतिक झरने की देखरेख का जिम्मा वन विभाग को सौंपा गया था। वन विभाग ने सैलानियों की आमद बढ़ाने के फॉल के आसपास फिश पॉड, बच्चों के लिए पार्क, झूले लगाने के साथ ही साल के पेड़ों के बारे में जानकारियां देने के लिए सेंटर फार ऐक्सीलेंस सेंटर बनाने की योजना बनाई थी। सेंटर फार ऐक्सीलेंस के लिए भवन तो बना दिया गया मगर उसके दरवाजे पर हमेशा ही ताला लटका रहता है।
 विभाग की बाकी योजना केवल फाइलों तक ही सीमित रह गई। फॉल के आसपास लदुआगाढ़, बाराती रौ, घटगढ़ जैसे कई खूबसूरत प्राकृतिक झरने हैं जो अभी भी पर्यटकों की पहुंच से कोसो दूर है। आज तक इनको संवारने को लेकर कोई ठोस पहल नही की गई। वहीं फॉल आने वाले पर्यटकों के लिए यहां कैंटीन व फर्स्टएड तक की व्यवस्था नही है। वन विभाग केवल पर्यटकों से शुल्क वसूलने तक ही सीमित रह गया है। सरकारी उपेक्षा के बावजूद कार्बेट फॉल ने अपनी खूबसूरती की वजह से पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बनाई है। खासतौर पर गर्मियों के सीजन में फॉल सैलानियों से पैक रहता है। कार्बेट पार्क आने वाले अधिकांश पर्यटक फॉल में आना पसंद करते है। बारह महीने पर्यटकों के लिए खुले रहने वाले फॉल में कुल सैलानियों की आमद घटने गवाही खुद आंकड़े दे रहे है। विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में फॉल घूमने आए 1,14,294 सैलानियों से 15,21,010 रूपये का राजस्व मिला, जबकि वर्ष 2009-2010 में 1,23,945 सैलानियों से 16,21,500 रूपये व 2008-09 में 136 विदेशी सहित 80554 पर्यटकों से 10,533,60 रूपये का राजस्व मिला था। दिलचस्प बात है कि पिछले वित्तीय वर्ष में आए 74 विदेशी सैलानियों की तुलना में इस बार यह संख्या बढ़कर 208 पर जा पहुंची है। जबकि स्वदेशी पर्यटकों की आमद पिछले बार की तुलना में घटी है। पर्यटकों की खास पंसद माने जाने वाले फॉल के विकास के लिए सरकार के पास बजट नही है। कार्बेट फॉल पर्यटन प्रदेश में छोटे पर्यटक स्थलों की उपेक्षा का ताजातरीन नमूना है।
कार्बेट फॉल सहित चार का प्रस्ताव भेजा

रामनगर। रामनगर वन प्रभाग के फतेहपुर एसडीओ रमाशंकर तिवारी का कहना है कि कार्बेट फॉल को विकसित करने की कौशिश की जा रही है। फॉल के साथ ही घटगढ़, बाराती रौ, लदुआगाढ़ में स्थित प्राकृतिक झरनों को संवारने का प्रस्ताव ईको टूरिज्म विभाग को भेजा गया है। बजट मिलने पर इनको संवारने की कार्यवाही की जाएगी। कार्बेट फाल के भीतर स्थित सेंटर फार ऐक्सीलेंस के भवन में कैटींन खोलने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले साल हुई अतिवृष्टि से फॉल को जाने वाली सड़क व पुल टूट गया था। इनकी मरम्मत करने के लिए फॉल को दो महीने बंद किया गया है। इसी वजह से सैलानियों की संख्या पिछले वर्ष के मुकाबले में हुई है। 

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