Friday, March 25, 2011

पत्रकारिता की धार बढ़ाने के लिए एकजुट हुए पत्रकार

विजयवर्धन उप्रेती व भक्तदर्शन पांडे को उमेश डोभाल स्मृति सम्मान

उमेश डोभाल स्मृति समारोह रूद्रपुर में संपन्न             

              (चंदन बंगारी रूद्रपुर से)  

उत्तराखंड में जनपक्षीय पत्रकारिता की धारा को आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ 21 वां उमेश डोभाल स्मृति समारोह सम्पन्न हुआ। उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित समारोह में युवा पत्रकारिता पुरस्कार इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए विजयवर्धन उप्रेती व प्रिंट मीडिया के लिए भक्तदर्शन पांडे को दिया गया, जबकि उमेश डोभाल स्मृति सम्मान डॉ0 शेर सिंह पांगती को दिया गया। इसी वर्ष से शुरू हुआ जनकवि गिरीश तिवारी गिर्दा सम्मान जनकवि अतुल शर्मा व राजेंद्र रावत जनसरोकार सम्मान बीज बचाओ के प्रणेता विजय जड़धारी को दिया गया। सभी ने उमेश डोभाल की परंपरा को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। शुक्रवार को रूद्रपुर सिटी क्लब सभागार में आयोजित समारोह के पहले सत्र का शुभारंभ पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. बीएस बिष्ट व आजादी बचाओ आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक बनवारी लाल शर्मा ने दीप प्रज्जवलित कर किया। मुख्य वक्ता बनवारी लाल शर्मा ने कहा कि राजनीति व मीडिया में कारपोरेट कंपनियों का दखल समाप्त किए जाने की जरूरत है।
कारपोरेट के बढ़ते दखल से मीडिया आम आदमी के सवालों को दमदार ढंग से नही उठा पा रहा है। मीडिया कारपोरेट का ऐजेंट बन गया है। उन्होंने लोकतांत्रिक व्यवस्था की कारपोरेट परस्ती के दौर मंे मीडिया के व्यवसायीकरण पर गहरी चिंता जताई। जनकवि अतुल शर्मा ने गिर्दा के गाए गीत सुनाकर समां बांध दिया। विजय जड़धारी ने कहा कि खेती की असली बुनियाद बीज है। जैविक खेती व परंपरागत बीजों को बचाने की जरूरत है। पहाड़ को जिंदा रखने के लिए जैविविधता को बचाने की जरूरत है। डा. शेर सिंह पांगती ने पहाड़ की लोक भाषाओं के शब्दों का संकलन को आने वाली पीढ़ी के लिए बचाए रखने की जरूरत पर बल दिया। पुरस्कार से सम्मानित हुए दोनों युवा पत्रकारों विजयवर्धन व भक्तदर्शन ने पत्रकारिता के समक्ष आ रही चुनौतियों के बारे में बताया।
 वरिष्ठ पत्रकार एवं ट्रस्ट के अध्यक्ष गोविंद पंत राजू ने संस्था का इतिहास बताते हुए गतिविधियों की जानकारियां दी। इस दौरान ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित स्मारिका का विमोचन किया गया। पहले सत्र के कार्यक्रम का संचालन योगेश धस्माना व कस्तुरी लाल ने संयुक्त रूप से किया। दूसरे सत्र में वैकल्पिक मीडिया की चुनौतियां विषय पर संगोष्ठी आयोजित हुई। पत्रकार राजीव खन्ना ने कहा कि कम्यूनिटी रेडियो व इंटरनेट के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा जा सकता है। सुभाष चतुर्वेदी ने कहा कि पहाड़ में बढ़ते शराब माफिया वहां के जनजीवन को निगल रहे है। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मीडिया में जनता के मूलभूत सवालों से मुंह चुराने की कौशिश की जा रही है। मीडिया की संरचना को समझने की जरूरत है। वरिष्ठ पत्रकार दिवाकर भटट ने कहा कि मीडिया की भूमिका जनता के पक्ष व राजनीति के विपक्ष में ही सशक्त होती है।
उमाशंकर थपलियाल ने कहा कि मीडिया की कुंद पड़ी धार तेज करने की जरूरत है। पूर्व विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि जनसरोकार की चीजें मीडिया से दूर होती जा रही है। आज पत्रकारों को बुनियादी सरोकारों को साहस के साथ कहने की जरूरत है। राजीव लोचन शाह ने कहा कि मीडिया का चरित्र निश्चितरूप से जनविरोधी है। जनआंदोलन तेज होगा तो निश्चितरूप से मीडिया में भी बदलाव आएगा। दूसरे सत्र का संचालन वरिष्ठ पत्रकार गोविंद पंत ने किया। समारोह स्थल में कोटद्वार से आए देवंेद्र नैथानी की 300 कविताओं को दर्शाती पोस्टर प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रही। इस मौके पर ट्रस्ट के सचिव ललित मोहन कोठियाल, प्रोफेसर शेखर पाठक, मथुरा दत्त मठपाल, ओंकार बहुगुणा, एपी घायल, भूपेंद्र सिंह, जितेंद्र भटट, पूनम पांडे, महेश जोशी, बी शंकर, सुशील सीतापुरी, विधि चंद्र सिंघल, दीपक आजाद, आनंद बल्लभ उप्रेती, पीसी तिवारी, सूरज कुकरेती, गणेश रावत, मनीष सुंद्रियाल, जगमोहन रौतेला, ओपी पांडे, अशोक पांडे, सहित देश के अलग-अलग हिस्सों से आए पत्रकार व बुद्विजीवी मौजूद रहे।     

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