Wednesday, December 1, 2010

सदभावना का संदेश लेकर उत्तराखंड पहुंचे सरहद के वाशिंदे

कश्मीर के पुंछ जिले में एलओसी के पास रहने वाले कश्मीरी बुजुर्गों को भारतीय सेना प्रदेश की सैर पर लेकर आई है

चंदन बंगारी रामनगर

जम्मू कश्मीर में आंतकवाद के साए में जी रहे ग्रामीणों के लिए सेना ने अभिनव पहल की है। भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर रहने वाले बुजुर्ग ग्रामीणों को देश के अलहदा प्रदेशों की संस्कृति व सभ्यता से रूबरू कराने के लिए सदभावना यात्रा कराई जा रही है। जिसके तहत पुंछ जिले के ग्रामीणों का दल पांच दिनों की उत्तराखंड यात्रा पर पहुंचा है। कार्बेट पार्क की सैर के बाद दल में शामिल लोग उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सांे की यात्रा करेंगे। पहले दिन विश्वविख्यात कार्बेट पार्क में वन्यजीवों व प्राकृतिक सुंदरता को देखकर ग्रामीण काफी रोमांचित हुए।  
कुमाऊं रेजीमेंट की छठी बटालियन की तरफ से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित पुंछ जिले के गांवों दिगवार, कौशल्या, अजौत के 25 ग्रामीण प्रदेश भ्रमण पर रामनगर पहुंचे। बस में कई किलोमीटर की लंबी यात्रा कर पहुंचे ग्रामीण उत्तराखंड की खूबसूरती से बेहद खुश नजर आए। इनमें से अधिकांश ग्रामीण तो कभी पुंछ से बाहर तक नहीं निकले थे। कैप्टन शिवेश थापा ने बताया कि यात्रा का मकसद ग्रामीणों में सेना के प्रति विश्वास बढ़ाना है। यह बताना भी है कि सरकार ग्रामीणों के लिए बहुत कुछ कर रही है। भ्रमण के दौरान ग्रामीण दूसरे प्रदेश की संस्कृति से रूबरू होंगे। यात्रा के लिए वह लोग 22 नवंबर को पुंछ से निकले थे। घूमने की शुरूआत कार्बेट पार्क से हुई है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के तहत ग्रामीणों को नैनीताल, छोटी हल्द्वानी कालाढूंगी, रानीखेत, कौसानी सहित अनेक जगहों का भ्रमण भी कराया जाएगा। सेना की पहल को बेहतर बताते हुए ग्राम कौशल्या के प्रधान हरवंश सिंह ने कहा कि प्रदेश के खेत व जंगल की हरियाली देखने लायक है। यहां के लोग मिलनसार होने के साथ ही अनुशासित भी है। सेना आतंकियों के बीच रहने वालों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए बहुत से प्रयास कर रही है। इस प्रकार के कार्यक्रमों से सेना व ग्रामीणों के रिश्ते काफी मजबूत होंगे। वहीं ग्रामीण मोहम्मद रज्जाक, मोहम्मद यूसूफ, अब्दुल मजीद, नरसिंह आदि का कहना है कि पहली बार गांव से निकलकर दूसरे प्रदेश में आए है। हम शुक्रगुजार हैं कि सेना की वजह से हमें दूसरे प्रदेश में घूमने का मौका मिला। हमारा जीवन स्तर अच्छा बनाने के लिए सरकार व सेना लगातार कार्य कर रही है। भ्रमण में सूबेदार भूपाल सिंह, हवलदार पूरन सिंह, सिपाही जमन सिंह सहित ग्रामीण मौजूद रहे।    

पहली बार देखे रेलगाड़ी और हाथी 

रामनगर। पुंछ जिले से भ्रमण पर आए अधिकांश बुजुर्ग ग्रामीणों ने अब तक रेलगाड़ी नहीं देखी थी। उनका रेल देखने का सपना सेना ने साकार किया। इसके अलावा रामनगर में दुनिया के विशालतम जीव हाथी से भी कश्मीरी लोगों का पहली बार साबका पड़ा। राज्य भ्रमण पर आए कश्मीरी बुजुर्ग चलती रेलगाड़ी देखकर खासे रोमांचित हुए। जिले के ग्राम कौशल्या निवासी नजीर हुसैन ने कहा कि उनके अलावा अधिकांश ग्रामीण पहली बार रेल को चलते हुए देखकर सभी काफी खुशी हुए। वह गांव लौटकर हाथी व रेल के दर्शन के अनुभव को ग्रामीणों व परिवार जनों के साथ बांटंेगे। 

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